शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा कैसे करें?

दोस्तों सनातन धर्म मैं भगवान शिव का विशेष स्थान है। भगवान भोलेनाथ को देवों के देव महादेव कहा जाता है। भगवान शिव को भोलेनाथ इसलिए कहा जाता है क्यों कि वह बहुत शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं, और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। शिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। वैसे तो हर महीने शिवरात्रि आती है परन्तु फागुन माह में महाशिवरात्रि का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। कहते हैं कि इसी दिन भगवान शिव और माता पारवती का विवाह हुआ था। इसलिए महाशिवरात्रि को सनातन धर्म मैं एक विशेष स्थान प्राप्त है। इस दिन भक्तजन भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। ज्यादातर भक्त महाशिवरात्रि के दिन उपवास रखते हैं और भगवान भोलेनाथ की आराधना करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन सभी शिवालयों मैं भक्तो का जनसमूह उमड़ पड़ता है, सभी भगवान भोले भंडारी को प्रसन्न करके अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्राथना करते हैं। अब आपके मन मैं भी यह सवाल उठ रहा होगा कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा कैसे करें? इस आर्टिकल मैं हम ऐसी ही सरल पूजा विधि बताने जा रहे हैं, जिसके द्वारा आप भी भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करके मनचाहा वरदान पा सकते है।

Mahashivratri 2024 Puja Vidhi

शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा विधि :-

दोस्तो इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 08 मार्च 2024 को मनाया जायेगा। आइए जानते हैं शिवरात्रि पर शिव पूजा का मुहूर्त और संपूर्ण पूजा विधि.

  • शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान के बाद सफेद वस्त्र धारण करें और फिर भोलेनाथ के समक्ष निराहार व्रत का संकल्प ले। दिनभर ऊं नम: शिवाय का जाप करें, भगवान भोलेनाथ की पूजा में त्रिपुंड का विशेष महत्व है।
  • शिवरात्रि पर दूध, दही, शक्कर, शहद, घी, गंगाजल, गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के बाद भस्म या चंदन से महादेव को त्रिपुंड लगायें। 11 बेलपत्र लें और उनपर ऊं लिखकर भोलेनाथ को अर्पित करें. बेलपत्र अर्पित करते समय ये मंत्र बोलें – ‘त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुतम्। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्॥’
  • शिवलिंग का अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते रहें। कहते हैं इस मंत्र के उच्चारण मात्र से भगवान शिव समस्त प्रार्थना पूरी करते हैं।
  • भांग, पान, बेला या आक के फूल, धतूरा, अबीर, गुलाल, शमी पत्र, एक मुठ्‌ठी अक्षत शिवलिंग पर चढ़ाएं। धूप और चौमुखी घी का दीपक लगाकर शिव चालीसा का पाठ करें।
  • शिवलिंग पर काले धतूरे को फोड़कर उसका फल चढ़ाए। ये भगवान भोलेनाथ का प्रिय फल है। भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान, इन आठ नामों से फूल अर्पित कर भगवान शिव की आरती और आधी परिक्रमा करें।

महाशिवरात्रि पर पार्थिव शिवलिंग की पूजा विधि :-

महाशिवरात्रि पर पार्थिव शिवलिंग की पूजा सबसे उत्तम मानी जाती है। इससे भगवान भोलेनाथ अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। पार्थिव शिवलिंग यानी मिट्‌टी का शिवलिंग बनाने के लिए बेल के पेड़, नदी या तालाब की मिट्‌टी का उपयोग करें। इसमें गाय का गोबर, गुड़, मक्खन और भस्म मिलाकर अपने हाथ के अंगूठे के बराबर शिवलिंग बनाएं। पार्थिव शिवलिंग पर जो प्रसाद चढ़ाएं उसे ग्रहण न करे, अगले दिन शिवलिंग के साथ नदीं में प्रवाहित कर दें।

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Updated: March 3, 2024 — 11:37 am

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