दोस्तो सनातन धर्म को मानने वाले ज्यादातर घरों मैं आजकल भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरुप, लड्डू गोपाल जी को रखने और पूजा करने की परंपरा सी चल पड़ी है। लड्डू गोपाल जी को केवल घर मैं रखना ही काफी नहीं हैं, बल्कि नियमानुसार उनकी सेवा भी करनी चाहिए। लड्डू गोपाल भगवान श्री कृष्ण का बालस्वरूप है इसलिए उनकी पूजा के साथ साथ बच्चे की तरह देखभाल भी की जाती है। जैसे कि सुबह स्नान कराना, भोग लगाना और रात्रि मैं सयन कराना। अगर आपके घर मैं भी भगवान के बाल स्वरुप लड्डू गोपाल जी विराजमान हैं, तो आपको उनकी सेवा और पूजा के कुछ नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। हम लड्डू गोपाल जी को सयन अर्थात सुलाने के कुछ नियम बता रहे हैं, जिनका आपको अवश्य पालन करना होता है। अगर आप इन नियमों का पालन करेंगे तो आपके लिए संमृद्धि के द्वार खुल सकते हैं।
कान्हा जी को कैसे सुलाना चाहिए?
दोस्तो आप में से बहुत से लोगों के घर लड्डू गोपाल जी स्थापित होंगे, और उनकी पूजा सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रखते होंगे। लेकिन लड्डू गोपाल जी को जब आप सुलाते हैं, तो कहीं जाने अनजाने कुछ गलतियां तो नहीं कर बैठते। लड्डू गोपाल को शयन कराते समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जिनके बारे में शास्त्रों में भी वर्णन मिलता है।
लड्डू गोपाल जी को सुलाने के नियम:-
नम्बर 1. लड्डू गोपाल जी को सुलाने से पहले हमेशा उन्हें दूध का भोग लगाना चाहिए। यानी कि जब आप लड्डू गोपल को खाने का भोग लगा देते हैं तो उसके थोड़े समय बाद लड्डू गोपाल जी को पहले दूध का भोग लगाएं, फिर उसके बाद ही लड्डू गोपाल जी को सुलाना चाहिए ।
नम्बर 2. लड्डू गोपाल जी को दिन मैं दो बार सयन कराना चाहिए। एक बार दोपहर मैं और दुबारा रात के समय। अगर आप एक बार ही सयन कराते हैं तो आज से ही दो बार कराना शुरू कर दीजिये।
नम्बर ३. लड्डू गोपाल जी को सुलाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि उन्हें बिलकुल ऐसे सुलाएं जैसे आप खुद सोते हैं। उदाहरण के तौर पर सर्दी के समय मैं आप कंबल या रजाई लेकर सोते होंगे, तो लड्डू गोपाल को भी रजाई या कंबल उढ़ाकर सुलायें।
नम्बर ४. लड्डू गोपाल जी को सुलाने के बाद उनके मंदिर का पर्दा लगा देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि जब हम घर में लड्डू गोपाल को सुलाते हैं, तो वह सोने से पहले श्री राधा रानी से मिलने जाते हैं, या राधा रानी उनसे मिलने आती हैं, फिर लड्डू गोपाल जी सोते हैं।
नम्बर ५. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में नहा धोकर लड्डू गोपाल जी को प्यार से उठाएं, श्री लड्डू गोपाल जी को पानी पिला कर उन्हें प्यार से राधे राधे बोलें, और फिर उन्हें स्वच्छ वस्त्र पहनायें।
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