दोस्तो हरिद्वार देवभूमि उत्तराखंड का एक प्रमुख धार्मिक स्थान है। देवभूमि उत्तराखंड की यात्रा पर जाने वालों के लिए यह प्राम्भिक सीडी है। हरिद्वार का अर्थ है हरी का द्वार अर्थात हिन्दू देवी देवताओं के साक्षात्कार का प्रमुख द्वार। हरिद्वार का नाम सुनकर मन मैं एक छवि उभर आती है कि मंदिरों मैं घंटों की मधुर आवाजें, दुकानों और धार्मिक स्थलों पर जय गंगा मैया के मधुर गीत और जैकारे। भगवा वस्त्र धारण किये पुजारियों की छवि वातावरण को और भी धार्मिक बना देती है। हरिद्वार के दर्शनीय स्थल भक्तों के मन को मोह लेते हैं जहाँ असीम शांति का अनुभव होता है और प्रभु की शरणागति प्राप्त होती है। दोस्तो आज के इस आर्टिकल मैं हम आपको हरिद्वार के प्रमुख दर्शनीय स्थलों की जानकारी देंगे। अगर आप भी हरिद्वार दर्शन के लिए आना चाहते हैं तो ये जानकारी आपके लिए उपयोगी सावित होगी।
1. हर की पौड़ी (Har Ki Pauri)
दोस्तो हरिद्वार मैं बहती हुयी पवित्र गंगा नदी के यूं तो अनेकों घाट बने हुए हैं लेकिन हर की पौड़ी हरिद्वार का सबसे पवित्र घाट माना जाता है। यहाँ साल के ३६५ दिन भक्तों का ताँता लगा रहता है। इस जगह से जुडी एक पौराणिक कथा भी है जिसके अनुशार भगवान विष्णु के पदचिन्ह इस जगह एक पत्थर की शिला पर मौजूद हैं इसलिए इसे हर की पौड़ी कहा जाता है। ये माना गया है कि यही वह स्थान है जहाँ से गंगा नदी पहाड़ों को छोड़ मैदानी क्षेत्रों की दिशा पकड़ती है। कहा जाता है कि हर कि पौड़ी या ब्रह्मकुण्ड मैं स्नान करने से माँ गंगा भक्तों के सभी पापों को हर लेती हैं। हर की पौड़ी पर शाम के समय होने वाली गंगा आरती भक्तों का मन मोह लेती है अगर हरिद्वार जाकर गंगा आरती नहीं देखी तो हरिद्वार भ्रमण अधूरा ही समझा जाता है।
2. चंडी देवी मंदिर (Chandi Devi Temple):-
माँ चंडी देवी का यह मंदिर नील पर्वत पर स्थित है। दोस्तो यह मंदिर न केवल पूजा पाठ के लिए बल्कि यहाँ आने वाले यात्रियों के लिए एक लोकप्रिय ट्रैकिंग स्थल है। यहाँ से प्रकृति का सुन्दर नजारा देखते ही बनता है। पहाड़ पर स्थित मंदिर और उसके चारों तरफ प्राकृतिक हरियाली मन को मोह लेती है। अनुपम छटा बखेरता प्रकृति का यह विहंगम द्रश्य आप यहाँ आकर ही देख सकते हैं। चंडी देवी मंदिर मैं भक्त जन अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए जाते हैं। और इस मंदिर के प्रति भक्तों की आस्था और विस्वास बहुत गहरा है।
3. मनसा देवी मंदिर (Mansa Devi Temple):-
पहाड़ियों मैं बिलवा पर्वत पर स्थित मनसा देवी का यह मंदिर हरिद्वार के सबसे प्रमुख दर्शनीय स्थलों मैं गिना जाता है। यह मंदिर उत्तर भारत के प्रमुख मंदिरों मैं से एक है। यह मंदिर नागराज वासुकी की पत्नी माता मनसा देवी का घर माना जाता है। यहाँ आने वाले भक्त अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए एक पेड़ मैं पवित्र धागा बांधते देखे जा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब भक्त की मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो यहाँ आकर धागा खोलना पड़ता है। दर्शन हेतु ऊपर जाने के लिए दो तरीके हैं एक पैदल पथ और दूसरा उड़न खटोला के द्वारा।
4. माया देवी मंदिर (Maya Devi Temple):-
माया देवी मंदिर हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी का मंदिर है। माया देवी का यह मंदिर ग्यारहवीं शताब्दी मैं बनवाया गया था। मंदिर मैं स्थापित माया देवी की मूर्ति के तीन सिर और चार हाथ हैं। इस प्राचीन मंदिर से जुडी हुयी एक पौराणिक कथा के अनुशार राजा दक्ष की पुत्री देवी सती इसी स्थान पर भस्म हुयी थी। देवी सती के प्राण त्यागने के बाद भगवान शिव जब उन्हें लेकर जा रहे थे तो उनके हृदय और नाभि इसी स्थान पर गिरे थे। इसलिए मायादेवी मंदिर माता के प्रमुख शक्ति पीठों मैं से एक माना जाता है।
5. सुरेश्वरी देवी मंदिर (Sureshwari Devi Temple):-
देवी दुर्गा का यह मंदिर हरिद्वार में राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के शांत जगंलो में स्थित है। सुरेश्वरी मंदिर हरिद्वार में स्थित एक प्राचीन मंदिर है । यह मंदिर देवी दुर्गा और देवी भगवती को समर्पित है । हरिद्वार से 7 किमी की दुरी पर रानीपुर के घने जंगलो में सिध्पीठ माँ सुरेश्वरी देवी ” सूरकूट पर्वत “ पर स्थित है |
6. वैष्णो देवी मंदिर (Vaishno Devi Temple):-
दोस्तो हरिद्वार के वैष्णो देवी मंदिर को जम्मू के कटरा में स्थित माता वैष्णो देवी के प्राचीन मंदिर की तरह ही बनाया गया है। इस मंदिर मैं माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए मानव निर्मित एक गुफा भी बनाई गयी है ताकि यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को वास्तविक वैष्णो देवी मंदिर की ही अनुभूति हो सके। मंदिर के गर्भ गृह तक बनाई गयी गुफा को प्राकृतिक रूप देने का प्रयास किया गया है और इसमें मंदिर निर्माता काफी सफल भी हुए हैं।
7. भारत माता मंदिर (Mother India Temple):-
दोस्तो भारत माता मंदिर हरिद्वार का प्रमुख दार्शनिक स्थल है। इस मंदिर की स्थापना स्वामी सत्यमित्रा नन्द गिरी जी महाराज ने की थी। सन 1983 मैं इस मंदिर का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने किया था। भारत माता मंदिर देवी भारत माता को समर्पित एक मंदिर है। यह मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर मैं हिंदू देवी-देवताओं की अलग-अलग मूर्तियां स्थापित हैं।
8. दक्ष प्रजापति मंदिर (Daksh Prajapati Temple):-
दक्ष मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जिसे दक्षेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर हरिद्वार के दक्षिण कनखल में स्थित है। भगवान शिव के इस मंदिर का नाम सती के पिता राजा दक्ष प्रजापति के नाम पर रखा गया है। अत्यधिक महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व के साथ यह मंदिर हरिद्वार मैं अवश्य देखने योग्य स्थान हैं।
9. राजाजी राष्ट्रीय पार्क (Rajaji National Park):-
राजाजी राष्ट्रीय पार्क उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। महान स्वतंत्रता सेनानी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के नाम पर इसका नाम राजाजी राष्ट्रीय उद्यान रखा गया। 830 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला राजाजी राष्ट्रीय उद्यान अपने यहाँ पाए जाने वाले हाथियों की संख्या के लिए जाना जाता है। इसके अलावा राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में हिरन, चीते, सांभर और मोर भी पाए जाते हैं। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की 315 प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
10. सप्तऋषि आश्रम (Saptrishi Ashram):-
दोस्तो सप्तऋषि आश्रम हर की पौड़ी से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह हरिद्वार की सबसे प्रसिद्ध आश्रमों मैं से एक है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुशार यह आश्रम सात ऋषियों का आराधना स्थल था। यह वह स्थान है जहाँ सात महान ऋषि, ऋषि कश्यप, ऋषि वशिष्ठ, अत्री, विश्वामित्र, जमदाग्नि, भरद्वाज और गौतम ऋषि की तपो स्थली थी। ऐसा माना जाता है की माँ गंगा इस स्थान पर स्वयं को सात धाराओं मई बिभाजित कर लेती हैं। इस स्थान पर दर्शकों को मानसिक शांति का अनुभव होता है।
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